अंतरजाल की दुनिया और जीवन में मोहित शर्मा 'ज़हन' के बिखरे रत्नों में से कुछ...

Tuesday, May 7, 2013

चीन की दूषित नीति

 
अगर आपकी कॉलोनी या इलाके मे आपकी 2-3 लोगो से किन्ही बात पर अनबन होती है तो कॉलोनी वाले सोचेंगे की किसी की भी गलती हो सकती है लड़ने वालो में पर जब कॉलोनी के ज़्यादातर लोगो से आपकी किसी न किसी बात पर खटपट हो तो किसी को वेरीफाई नहीं करना पड़ेगा की गलती किसकी है ...कमी किसमे है। ऐसे में तो कमी और गलती आपकी है। कुछ यही हाल चीन का है जिसका अपने ज़्यादातर पडोसी देशो से सीमा एवम समुद्री क्षेत्र पर विवाद रहता है। भारत, ताईवान, दक्षिण कोरिया, जापान, फिलीपिंस, वियतनाम, उत्तर कोरिया तो कुछ उदाहरण भर है। चीन को जैसे अपनी सीमा बढाने का शौक सा है जिसके लिए वो बाहरी इलाको पर अनैतिक दावे, घुसपैठ करता आया है। सेटेलाईट मार्किंग, मॉनिटरिंग के ज़माने मे तक ऐसी गतिविधियाँ जारी है। चीन की विदेश नीति उसकी असल आज़ादी 1949 के बाद से आक्रामक रही है जिसके चलते कई बार युद्ध की स्थिति आई है, ये शायद चीन का विशालकाय आकार है जो पडोसी देश उसके गलत रवैये को भी सह लेते है।

भारत को सुदूर क्षेत्रो में संचार माध्यम, बुनियादि सुविधाएँ देनी होंगी ताकि वहाँ कुछ आबादी फले और उजाड़ 'नो मेन्स लैंड' जिसकी दुहाई सी देकर चीन कई किलोमीटर अन्दर तक चला आता है वो ना हो। ऐसा करने से सीमावर्ती सेन्य और अर्धसैनिक बलो को भी सुविधाएँ, संचार सुचारू रूप से होगा। पूर्वोतर राज्यों, जम्मू-कश्मीर के चीन से सटे बड़े इलाको में काफी कम जनसँख्या है दुर्भाग्यवश अगर वोटरों की संख्या यहाँ से ज्यादा होती तो सरकार खुद सीमा पर तम्बू गाड़ लेती अपने वोट बैंक्स बचने के लिये।

- Mohit Sharma Trendster

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