अंतरजाल की दुनिया और जीवन में मोहित शर्मा 'ज़हन' के बिखरे रत्नों में से कुछ...

Tuesday, April 2, 2013

आपकी राय और तथ्यों में अंतर तो नहीं?



फोटो - भारत-पाकिस्तान वाघा बॉर्डर (बीटिंग रिट्रीट परेड)

****आपकी राय और तथ्यों में अंतर तो नहीं?***

किसी मुद्दे पर निष्कर्ष देने से पहले या एक राय बनाने से पहले ये सुनिश्चित कर लें कि मुद्दे से जुड़ी बातें/ख़बरें जो आप तक पहुँची है वो कितनी सही है या विश्वास करने लायक है। क्या उन ख़बरों का उद्गम किन्ही राजनैतिक या ओछे कारणों से तो नहीं हुआ है जिनको साथ मिले संचार माध्यम फैला रहें हो। न्यूज़ को वेरीफाई कीजिये, माना आपकी सोर्स प्राथमिक न होकर द्वितीय या सेकिंडेरी है पर थोडा समय देकर मुद्दे की पूरी तस्वीर देखी जा सकती .....उस हिस्से के अलावा जो हमे दिखाया जाता है।

जैसे कुछ मुस्लिम देशो मे बताया जाता है की भारत मे मुस्लिमो पर बहुत अत्याचार किये जाते है पर इसका उनके पास जवाब नहीं की अगर ऐसा है तो जनसँख्या में तुलनात्मक भारतीय मुसलमानों की वृद्धि हिन्दुओं से आज़ादी के 65 सालो में हमेशा अधिक रही है .....जो दूसरे देशो में वाकई मे अत्याचार सह रहे अल्पसंख्यक वर्गों, धर्मो मे कहीं नहीं है। वैसे भारतीय मीडिया भी कम नहीं है, पूरे पाकिस्तान को आतंकवादी बताना किस नज़र से सही है? अगर बगल के देश मे सब 19 करोड़ लोग तो क्या 50 लाख (उनका 2-3 प्रतिशत) भी आतंकवादी होते तो अंदाज़ा लगाना मुश्किल है भारत जैसे रक्षात्मक रवैये से लगे रहने वाले देश का क्या होता। भारत और पाकिस्तान की जनता का फायदा बड़े राजनैतिक एवम धार्मिक नेता उठाते आयें है। गलत ख़बरों का फायदा, जागरूकता की कमी का फायदा, कम्युनिकेशन गैप का फायदा। नफरत बुरे लोगो, नेताओ, आतंकवादियों से करो उनके साथ देश मे रह रहे " सभी" लोगो से नहीं, किसी बन्दे का किसी जगह जन्म लेना उसके हाथ में नहीं ....सितारों का हेर-फेर होता तो क्या पता आप सरहद के उस पार कोई पठान होते ...ही ही।

- Mohit Sharma Trendster

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